गोपाल कृष्ण गोखले का छत्तीसगढ़ आगमन


गोपाल कृष्ण गोखले जी का जन्म 9 मई 1866 को जन्म रत्‍‌नागिरी कोटलुक ग्राम में हुआ था। वे भारत के एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक, समाज सुधारक एवं प्रसिद्ध नरमपंथी नेता थे। वे महादेव गोविन्द रानडे के शिष्य थे। उनकी क्षमता की वजह से उन्हें से उन्हें भारत का 'ग्लेडस्टोन' कहा जाता है। महात्मा गांधी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।


छत्तीसगढ़ आगमन :

स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले का छत्तीसगढ़ के रायपुर में मई, 1915 को आगमन हुआ था। का उनके आगमन का उद्देश्य बुद्धिजीवियों को देश की राजनीति से जागृत एवं सक्रिय करना था ।

उनके आगमन पर वामनराव लाखे के निवास पर एक सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में रायपुर से पं. रविशंकर शुक्ल, लक्ष्मण राव उदयगीरकर, वामन राव लाखे; धमतरी से नारायण राब मेघावाले, नत्थूजी जगताप, बाबू छोटे लाल; राजनांदगांव से ठा. प्यारेलाल सिंह; राजिम से पं. सुंदर लाल शर्मा आदि शामिल हुए।

इस सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि ‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ का प्रचार गाँव-गाँव में किया जाए।


इन्हे देखें:

महात्मा गांधी जी का छत्तीसगढ़ आगमन

छत्तीसगढ़ के प्रमुख व्यक्तित्व