बहरुल इस्लाम (Baharul Islam) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में भारत की संसद के ऊपरी सदन, राज्यसभा के लिए चुने गए थे।
वर्ष 1962 से 1972 तक राज्यसभा के सदस्य रहने के बाद वर्ष 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान बहारुल इस्लाम गुवाहाटी उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनने के लिए राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया, जहाँ वे अंततः मुख्य न्यायाधीश के रूप में 1 मार्च, 1980 को सेवानिवृत्त हुए।
4 दिसम्बर, 1980 को उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने शहरी सहकारी बैंक घोटाले में बिहार के तत्कालीन कोंग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को दषमुक्त करने वाला फैसला सुनाया। फैसले के बाद वापस से कांग्रेस (आई) के उम्मीदवार के रूप में बारपेटा से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए वर्ष 1983 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दे दिया। परंतु वर्ष 1984 के भारतीय आम चुनाव स्थगित होने के कारण, उन्हें फिर से राज्यसभा सदस्य के लिए चुना गया जहां उनका कार्यकाल 1983 से 1989 तक रहा।
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