कामिल और फाजिल अरबी भाषा के शब्द हैं, जो इस्लामी शिक्षा में उच्च शिक्षा के स्तरों को दर्शाते हैं। दोनों ही सिर्फ धार्मिक अध्ययन की कक्षाओं के रूप में माने जाते हैं, जिनमें इस्लामी अरबी साहित्य का गहरा अध्ययन किया जाता है।
नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेशानुसार UP मदरसा बोर्ड 12वीं कक्षा से आगे कामिल और फाजिल डिग्री देने की मान्यता मदरसों को नहीं दे सकता। इस आदेश के बाद 12वीं के बाद आगे की कामिल (ग्रेजुएशन) और फाजिल (पोस्ट ग्रेजुएशन) की डिग्री देना यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) अधिनियम के खिलाफ है।
1. कामिल (Kamil): यह इस्लामी शिक्षा के मध्य स्तर का पाठ्यक्रम है। कामिल का अर्थ "पूर्ण" या "सम्पूर्ण" होता है। इसे स्नातक (under graduation - UG) के बराबर माना जाता है। इसमें विद्यार्थी इस्लामी धर्म, अरबी भाषा, हदीस, फिक़ह (इस्लामी कानून), और कुरान के अध्ययन में महारत हासिल करते हैं।
2. फाजिल (Fazil): यह इस्लामी शिक्षा का उच्चतम स्तर है, जो कि कामिल के बाद आता है। फाजिल का अर्थ "विशेषज्ञ" या "विद्वान"। इसे स्नातकोत्तर (Post graduation - PG) के बराबर माना जाता है। फाजिल में विद्यार्थी इस्लामिक कानून, तफ्सीर (कुरान की व्याख्या), हदीस, अरबी साहित्य, और अन्य गहन विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं।