जाजल्लदेव प्रथम एक कलचुरि शासक थे। इनका शासन 1165 ई. से 1168 ई. तक था। ये कलचुरी शासक पृथ्वीदेव द्वितीय के साबसे छोटे पुत्र थे। इनके कार्यकाल के तीन अभिलेख अमोदा, मल्लार तथा शिवरीनारायण से प्राप्त हुए है।
इनके शासन काल के दौरान त्रिपुरी के राजा जयसिंह का आक्रमण हुआ। इस आक्रमण को सामन्त उल्हान देव के द्वारा असफल किया गया।
जाजल्लदेव देव की मृत्यु 1168 ई. में हो गई। जिस वजह से राज्य में अव्यवस्था का माहौल उत्पन्न हो गया। इस स्थिति को संभालने के लिए उनका बड़ा भाई जगद् देव पूर्वी देशों से आकर दस वर्षो तक ( 1168 - 1178 ) तक सत्ता संभाली। ( रत्नदेव तृतीय के खरौद शिलालेख ) बाद में जगद् देव की रानी सोमल्ला देवी के पुत्र रत्नदेव तृतीय को राजा बनाया गया।
इनके शासन काल के दौरान त्रिपुरी के राजा जयसिंह का आक्रमण हुआ। इस आक्रमण को सामन्त उल्हान देव के द्वारा असफल किया गया।
जाजल्लदेव देव की मृत्यु 1168 ई. में हो गई। जिस वजह से राज्य में अव्यवस्था का माहौल उत्पन्न हो गया। इस स्थिति को संभालने के लिए उनका बड़ा भाई जगद् देव पूर्वी देशों से आकर दस वर्षो तक ( 1168 - 1178 ) तक सत्ता संभाली। ( रत्नदेव तृतीय के खरौद शिलालेख ) बाद में जगद् देव की रानी सोमल्ला देवी के पुत्र रत्नदेव तृतीय को राजा बनाया गया।