9 नवंबर, 2019 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर बनाने के लिए एक ट्रस्ट का गठन करने का फैसला किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार 05 फरवरी 2020 को लोकसभा में घोषणा की कि श्री राम मंदिर के लिए बनने वाले ट्रस्ट का नाम 'श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' होगा। इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे। ट्रस्ट के गठन के बाद ऐडवोकेट के. पराशरण को राम मंदिर की जमीन का कब्जा सौंपा गया है। के. पराशरण ने अयोध्या केस में लंबे समय से हिंदू पक्ष की पैरवी की।
सदस्य:
ट्रस्ट के नियमों के मुताबिक, इसमें 10 स्थायी सदस्य हैं, जिन्हें वोटिंग का अधिकार होगा। बाकी के पांच सदस्यों को वोटिंग का अधिकार नहीं है। लगभग सभी सदस्यों के हिंदू होने की अनिवार्यता भी रखी गई है।
प्रथम बैठक के बाद सदस्य:
- महंत नृत्यगोपालदास, अध्यक्ष
- चंपत राय, महामंत्री
- महंत गोविंद गिरि जी
- कोषाध्यक्ष-नृपेंद्र मिश्र, अध्यक्ष, मंदिर निर्माण समिति
- के. परासरन-जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद
- जगतगुरु स्वामी विश्वास प्रसन्नतीर्थ, उडुपी-युगपुरुष परमानंद
- कामेश्वर चौपाल - डॉ. अनिल मिश्रा, होम्योपैथिक डॉक्टर
- विमलेंदु मोहन प्रताप मिश्रा, अयोध्या के शाही परिवार के सदस्य
- महंत धीरेंद्र दास, निर्मोही अखाड़ा
- अनुज कुमार झा, अयोध्या के डीएम
- अवनीश अवस्थी, अतिरिक्त मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश
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