सीखो के प्रथम गुरु नानक देव ( Guru Nanak Dev ) जी का छत्तीसगढ़ ( Chhattisgarh ) आगमन उनके प्रथम यात्रा ( प्रथम उदासी ) के दौरान हुई थी। वर्ष 1500 से 1506 के बीच अमरकंटक से पुरी जाते वक्त छत्तीसगढ़ में बसना से करीब 7 किलोमीटर दूर गढ़ फुलझर वे पधारे थे। तब गढ़ फुलझर एक रियासत थी। यहां उन्होंने 2 दिन बिताए थे, तत्कालीन भैना राजवंश के मानसराज सागरचंद उनसे इतने प्रभावित थे कि जिस जगह गुरुनानक ठहरे, वह जमीन ही उनके नाम कर दी। राजस्व रिकॉर्ड में वह 5 एकड़ जमीन आज भी गुरुनानक देव की के नाम पर दर्ज है। स्थानीय लोग इसे गुरु खाब के नाम से जानते हैं। केवल यही नहीं, गढ़ फुलझर के पास एक गांव भी गुरुनानक देव के नाम पर है।
छत्तीसगढ़ आगमन के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं थे। शोध के बाद पता चला है कि वे गढ़ फूलझर के अलावा शिवरीनारायण में भी उनका आगमन हुआ था।
Source :