छत्तीसगढ़ के मूल तीज त्यौहारों, संस्कृति एवं परम्परा को संरक्षित करना एवं इन त्यौहारों, उत्सवों को मूल स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परम्पराओं का अभिलेखन करने के उद्देश्य को ले कर "मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना" की घोषणा मुख्यमंत्री बघेल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट की।
इस योजना के लिए वर्ष 2023-24 के बजट में 5 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है। यह योजना छत्तीसगढ़ के सभी अनुसूचित क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति विकासखण्ड) में लागू होगी। इसके तहत अनुसूचित क्षेत्र के ग्रामों में जनजातियों के उत्सवों, त्यौहारों के मेला, मड़ई, जात्रा पर्व, सरना पूजा, देवगुड़ी, नवाखाई, छेरछेरा, अक्ती, हरेली आदि उत्सवों, त्यौहारों, संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रति वर्ष 10,000 रूपए की अनुदान राशि दो किश्तों में जारी की जायेगी।
योजना की शुरुआत :
"मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना" की शुरुआत 13 अप्रैल, 2023 को बस्तर के जगदलपुर से की गई। शुभारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री बघेल ने बस्तर संभाग की 1,840 ग्राम पंचायतों को पांच-पांच हजार रुपए पहली किस्त जारी की।