3/15/2016

वीर सुरेन्द्र साय(संबलपुर विद्रोह)- Veer Surendra Saay




जन्म - 23 जनवरी 1809
मृत्यु -  23 मई 1884
स्थान - रिवाड़ा (  ओड़िशा जिला - सम्बलपुर )
पिता - धर्म सिंह ( छत्रिय राजवंश )

1827 ई. में सम्बलपुर के चौहान राजा महाराज साय की मृत्यु हो गई।  राजा का कोई उत्तराधिकारी ( संतान ) नहीं था। चौहान राजवंश परंपरा के अनुसार संबलपुर रियासत का सही उत्तराधिकारी होने के बावजूद अंग्रेजो के द्वारा सुरेन्द्र साय के स्थान पर राजा की विधवा रानी मोहनकुमारी  को सिंघासन पर बिठा दिया गया।  बाद में असंतोष होने पर नारायण सिंह ( बरपाली के चौहान जमीदार परिवार के राजकुमार  ) को राजा बना दिया गया। इसके फलस्वरूप सुरेन्द्र साय और उनके छः भाइयो ने विद्रोह करदिया।
सुरेन्द्र साय ने 1857 के विद्रोह में अंग्रेजो नाक में दम कर दिया। इनकी गतिविधि सम्बलपुर से बिलासपुर तथा कालीहांडी तक फैली हुई थी।
13 जनवरी 1862 में सुरेन्द्र साय को उंनके घर से गिरफ्तार करलिया गया। इन्हे रायपुर जेल से नागपुर जेल और फिर असीरगढ़ किले में भेजा गया।
23 मई 1884 ई. को असीरगढ़ में सुरेन्द्र साय की स्वाभाविक मौत हो गई। अंतिम समय में वे अंधे हो गए थे।
वीर सुरेन्द्र साय को " 1857 ई. के विद्रोह का अंतिम शहीद " कहा जाता है।



व्यक्तित्व :